The 5-Second Trick For Shodashi

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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

While in the context of electricity, Tripura Sundari's beauty is intertwined along with her strength. She's don't just the image of aesthetic perfection but additionally of sovereignty and overcome evil.

साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा more info समाकल्पितैः

ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥

, the creeper goddess, inferring that she's intertwined together with her legs wrapped close to and embracing Shiva’s legs and overall body, as he lies in repose. For a digbanda, or protecting drive, she procedures the northeastern direction from whence she gives grace and security.

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